تحدثنا في مقال سابق عن اللغه اليابانيه من هنا وحروفها الأبجدية وأساسيات تعلمها، وأوضحنا أن اللغه اليابانيه تتكون من ثلاثة أنظمة مختلفة للكتابة وهم :
- الهيراغانا Hiragana: وهو النظام المٌستخدم للمبتدئين ولكتابة الـ Particles
- الكاتاكانا Katakana: وهذا النظام يستخدم لكتابة الكلمات الدخيلة على اللغة أو الكلمات الاجنبية المستعارة من اللغات الأٌخرى.
- الكانجي Kanji: وهذا النظام يشمل الأحرف الصينية التي تكون عبارة عن مقاطع صوتية ذات معنى بحدّ ذاتها
وأوضحنا أيضا هذا في مقالنا السابق من خلال جدول مقسم شامل للأحرف الأبجدية اليابانية بالنظامين المختلفين الهيراغانا والكاتانا مع توضيح النطق الخاص بها باللغة و اللغة اللاتينية.
الاحرف المٌدمجة في الأبجدية اليابانية
والان نستكمل بقية الحديث عن الأحرف الأبجدية اليابانية، حيث ان هناك أحرف في الأبجدية اليابانية تٌشكل بدمجها مقاطع صوتية جديدة سوف نستعرضها الأن في جدول مقسم مع توضيح النطق الخاص بها أيضا باللغة العربية واللاتينية
المقابل الياباني | المقابل اللاتيني | اللفظ بالعربية | |
الهيراغانا | الكاتانا | ||
きゃ | キャ | [k’a] | كْياء |
ぎゅ | キュ | [k’u] | كْيوء |
ぎょ | キョ | [k’o] | كْيوء |
きゃ | ギャ | [g’a] | دْجياء |
ぎゅ | ギュ | [g’u] | دْجْيوء |
ぎょ | ギョ | [g’o] | دْجوء |
しゅ | シャ | [s’a] | شْياء |
しゅ | シュ | [s’u] | شْيوء |
しょ | ショ | [s’o] | شوء |
しゃ | シャ | [z’a] | سْشاء |
しゅ | シュ | [z’u] | سْشيوء |
しょ | シヨ | [z’o] | سْشْيوء |
ちゃ | チャ | [t’a] | تْسْياء |
ちゅ | キュ | [t’u] | تْشْيوء |
ちょ | キョ | [t’o] | تْشوء |
ひゃ | ヒャ | [h’a] | هْياء |
ひゅ | ヒュ | [h’u] | هْيْوء |
ひょ | ヒョ | [h’u] | هْيوء |
びゃ | ビャ | [b’a] | بْياء |
びゅ | ビュ | [b’u] | بْيوء |
びょ | ビョ | [b’o] | بْيوء |
びゃ | ビャ | [p’a] | بْياء |
ぴゅ | ピュ | [p’u] | بْيوء |
ぴょ | ピョ | [p’o] | بْيوء |
みゃ | ミャ | [m’a] | مْياء |
みゅ | ミュ | [m’u] | مْيوء |
みょ | ミョ | [m’o] | مْيوء |
りゅ | リャ | [r’a] | رْياء |
りゅ | リュ | [r’u] | رْيوء |
りょ | リョ | [r’o] | رْيوء |
الأرقام اليابانية
المقابل الياباني | اللفظ الياباني بالعربية | المقابل العربي |
ゼロ | زيرو | صفر |
一 | إيتي | واحد |
二 | ني | اثنان |
三 | سان | ثلاثة |
四 | يون | أربعة |
五 | غو | خمسة |
六 | غَكيه | ستة |
七 | نانا | سبعة |
八 | هاتْسي | ثمانية |
九 | كيِو | تسعة |
十 | دْجِيو | عشرة |
十 一 | دْجِيو إيتي | أحد عشر |
十二 | دْجِِيو ني | إثنا عشر |
十 三 | دْجِيو سان | ثلاثة عشر |
十 四 | دْجِيو يون | أربعة عشر |
十 五 | دْجِيو غو | خمسة عشر |
十六 | دْجِيو غَكِيه | ستة عشر |
十七 | دْجِيو نانا | سبعة عشر |
十八 | دْجِيو هاتْسي | ثمانية عشر |
十 九 | دْجِيو كيِو | تسعة عشر |
十 二 | ني دْجِيو | عشرون |
十 三 | سانْ دْجِيو | ثلاثون |
四 十 | يونْ دْجِيو | أربعون |
五十 | غة دْجِيو | خمسون |
六 十 | دوكي دْجِيو | ستّون |
七十 | نانا دْجِيو | سبعون |
八十 | هاتي دْجٍيو | ثمانون |
九十 | كيو دْجِيو | تسعون |
白 | شاكِء | مائة |
百一 | شاكِء إيتي | مائة وواحد |
千 | ثيهِن | ألف |
一万 | إيتي ماهِن | عشرةآلاف |
十万 | دْجِيو ماهن | مائة ألف |
百万 | دْجاكِو ماهِن | مليون |
十億 | دْجِيو اوكيه | مليار |
الأعداد الترتيبية في اللغه اليابانيه وترجمتها ونطقها باللغة العربية
المقابل الياباني | اللفظ الياباني بالعربية | المقابل العربي |
第一 | دايْ إيتِّي | الأول، الأولى |
第二 | داي ني | الثاني، الثانية |
第三 | داي سان | الثالث، الثالثة |
第四 | داي يون | الرابع، الرابعة |
第五 | داي غو | الخامس، الخامسة |
第六 | داي دوكِء | السادس، السادسة |
第七 | داي نانا | السابع، السابعة |
第八 | داي هاتسي | الثامن، الثامنة |
第九 | داي كِيو | التاسع، التاسعة |
第十 | داي دْجِيو | العاشر، العاشرة |
第二十 | داي ني دْجِيو | العشرون |
第三十 | داي سان دْجِيو | الثلاثون |
第四十 | داي يون دْجِيو | الأربعون |
第五十 | داي غه دْجِيو | الخمسون |
第六十 | داي دوكي دْجِيو | الستون |
第七十 | داي نانا دْجِيو | السبعون |
第 八十 | داي هاتي دْجِيو | الثمانون |
第 九十 | داي كيو دْجِيو | التسعون |
第 白 | داي شاكِء | المائة |
第 千 | داي ثيهِن | الألف |
第 白万 | دْجاكو ماهِن | المليون |
第十集 | دْجِيو إوكيه | المليار |
بناء الجملة في اللغة اليابانية
تتشكل الجملة اليابانية من فاعل ، مفعول به (أو مجرور، الخ…)، ومسند، ويٌعد المسند أهم عنصر في تكوين الجملة اليابانية ،حيث يفسر الدور الذي يقوم به الفاعل أو محور الكلام ، ويأتي المسند على هيئة فعل أو إسم أو صفة، ويمكن أن نعتبره موازياً للفعل في الجملة الفعلية، ويتم تقسيم الجملة اليابانية إلى جملة فعلية، وجملة غير فعلية أي جملة شبه إسميه ،ويمكن حذف اى عنصر من عناصر الجملة الا المسند فلايمكن حذفه الا في حالات قليلة.
الجملة الفعلية:
وتتكون هذه الجملة بطريقة سهلة ومٌبسطة حيث تأتي على شكل فاعل +مفعول به+الفعل(المسند):
أنا | اللغة اليابانية | أتكلم |
私は | 日本語を | 話します |
موضوع الحديث | المفعول به | المسند |
نرى في المثال السابق أن ترتيب الجملة هو “محور الكلام”حيث يأتي الترتيب في البداية بالفاعل ثم المفعول به ثم المسند (الفعل)… وهذا الترتيب هو الترتيب النموذجي المتعارف عليه للجملة في اللغه اليابانيه.
وهناك اختلافات بين اللغه اليابانيه واللغة العربية في الجملةالفعلية حيث يأتى الترتيب للجملة في اللغة العربيةكالتالى (فعل ثم فاعل ثم مفعول به) … و لكن تتشابه اللغه اليابانيه مع اكثر من لغة عالمية في هذا الترتيب للجملة مثل اللغة الكورية أو اللغة التركية.
ومن أهم الملاحظات في عملية بناء الجملة في اللغه اليابانيه هي ان عادة يأتي المسند في نهاية الجملة ماعدا في الحالات التي نستخدم فيها بعض الأدوات مثل أداة السؤال か، أو أداة التأكيد ね.). ومثال على ذلك :
アリさんは東京に行きました。 (ذَهَبَ علي إلى طوكيو).
アリさんは東京に行きましたね。 (ذَهَبَ علي إلى طوكيو، أليس كذلك؟).
أما عن الفاعل “الذي هو محور الموضوع ” فهو دائما يأتي في بداية الجملة ماعدا في حالة الرغبة بالاستعانة في الجملة بظروف الزمان ،أو الكلمات (مثل ضمائر الإستفهام، متى، أين، الخ…) ومن الامثلة على ذلك
きのう私は東京に行きました。 (بالأمس ذهبت إلى طوكيو).
私はきのう東京に行きました。 (ذهبت بالأمس إلى طوكيو).
どうしてアリさんは東京に行きましたか。 (لماذا ذَهَبَ علي إلى طوكيو؟)
アリさんはどうして東京に行きましたか。 (لماذا ذَهَبَ علي إلى طوكيو؟)
واذا أردنا تحويل الجملة الفعلية إلى جملة استفاهمية بسيطة فما علينا الا اضافة か في نهاية الجملة، وكمثال على ذلك :
彼は日本語を話します。 (-هو- يتحدث اللغة اليابانية.)
彼は日本語を話しますか。(هل يتحدث -هو- اللغة اليابانية؟)
الجملة اللافعلية
لا تحتوي الجملة اللافعلية على فعل بالصورة المعروفة للأفعال، ولذلك لم تٌسمى هذه الجملة باللغة الإسمية ،تأتي هذه الجملة بشكل سهل وبسيط حيث تتكون الجملة فاعل +أداة +مسند+です.
واذا تساءلنا عن الكلمة です ، فهي كلمة ليس من الممكن ترجمتها إلى اللغة العربية اطلاقا ،فهي بالنسبه للبعض لاتملك شئ من خصائص الأفعال، وتٌستعمل هذه الكلمة في الحديث الرسمي فقط في اللغه اليابانيه، اما في اللغة غير الرسمية لايتم الأخذ بهذه الكلمة أو يتم استخدام だ)
これは本です。 (هذا كتاب.). هذا = كتاب
ونٌقدم لكن الان فيديو سهل ومٌبسط من مركز أركادا لتعليم اللغات يشرح أكثر عن انظمة الكتابة باللغه اليابانيه وكيفية تعريف النفس باللغه اليابانيه